नशा मुक्ति चुर्ण
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शराब पीना और विशेषरूप से धूम्रपान के साथ शराब पीना बहुत ही खतरनाक है | इससे अनेकों रोग जैसे कैंसर (मुह का ), महिलाओं में स्तन कैंसर, आदि रोग होते है | ऐसे बुरे व्यसन (आदत) एक मानसिक बीमारी है और इसे को छुडाने के लिए मानसिक बीमारी जैसे इलाज की आवश्यकता होती है |
वात होने पर लोग चिंता और घबराहट को दबाने के लिए धूम्रपान का सहारा लेते है | पित्त बढने से शरीर के अन्दर गर्मी लेने की इच्छा होती है और धूम्रपान की इच्छा होती है | कफ बढने से शरीर के अन्दर डाली गयी तम्बाकू की शक्ति बढती है |
लेकिन आप इसका इलाज आयुर्वेद के माध्यम से कर सकते है और इसे बनाने के लिए १८-२० जड़ी – बूटियों का प्रयोग किया जाता है | सभी औषधियों को निश्चित मात्रा में मिलाकर यह दवा तैयार की जाती है | इस दवा का कोई बुरा प्रभाव नहीं है यदि इसे शरीर के वजन और स्वास्थ्य अनुसार दवा की मात्रा तयकर लिया जाता है | इस दवा का प्रयोग किसी का शराब का नशा छुड़ाने, धूम्रपान का नशा छुड़ाने, और अन्य का नशा छुड़ाने (जैसे गुटका, तम्बाकू) में प्रयोग किया जा सकता है |
जड़ी – बूटियों का विवरण और मात्रा निम्न है –
गुलबनफशा – 2 ग्राम
निशोध – 4 ग्राम
विदारीकन्द (कुटज) – 15 ग्राम
गिलोय – 4 ग्राम
नागेसर – 3 ग्राम
कुटकी – 2 ग्राम
कालमेघ – 1 ग्राम
भ्रिगराज – 6 ग्राम
कसनी – 6 ग्राम
ब्राम्ही – 6 ग्राम
भुईआमला – 4 ग्राम
आमला – 11 ग्राम
काली हरर – 11 ग्राम
लौंग – 1 ग्राम
अर्जुन – 6 ग्राम
नीम – 7 ग्राम
पुनर्नवा – 11 ग्राम
मेश्श्रीन्गी – 5 ग्राम
ईरानी अक्कर करा -10 ग्राम
कैसे प्रयोग करे – उपर दी गयी सभी जड़ी – बूटियों को कूट और पीसकर पाऊडर बना लें । एक चम्मच दवा पाऊडर को एक दिन में दो बार खाना खाने के बाद पानी के साथ ले | इस दवा को खाने में मिलाकर भी दिया जा सकता है जो बनी बनाई मंगवाना चाहे मंगवा सकते हैं एक महीने की दवा कि कीमत 900 रुपये है। जैसे – जैसे नशे की लत कम होने लगे इस दवा की मात्रा धीरे – धीरे कम कर दे | इस दवा का असर फ़ौरन पता चलने लगता है और लगभग दो माह में पूरी तरह से नशे की लत खत्म हो जाती है लेकिन दवा को कम मात्रा में और २-३ दिन के अंतर के लगभग ६ माह दे जिससे नशे की लत जड़ से खत्म हो जाए।