कैसे बचें डेंगू से?

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन डेंगू को बेहद संक्रामक बीमारी मानता है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक़, पूरे विश्व में हर साल क़रीब 39 करोड़ लोग डेंगू बुख़ार की चपेट में आते हैं. एशिया और अफ्रीका में सबसे ज़्यादा डेंगू से मौतें होती हैं.
डेंगू एक ट्रॉपिकल और तेज़ी से फैलने वाला बुख़ार है. चिकनगुनिया की तरह ही यह भी एडिस मच्छर के काटने से होता है. डेंगू के मच्छर आमतौर पर गंदे पानी की बजाय साफ़ पानी में पनपते हैं और दिन में ज़्यादा सक्रिय रहते हैं.
अगर इसका सही तरी़के से उपचार नहीं हुआ तो यह बुख़ार डेंगू हेमोरेजिक फीवर, डेंगू शॉक सिंड्रोम में बदल सकतस है, जिससे मरीज की जान भी जा सकती है. इसलिए बेहतर होगा कि समय रहते सही इलाज किया जाए.

डेंगू के लक्षण और उपचार चिकनगुनिया की तरह ही होते हैं. इसमें भी शुरू में तेज बुख़ार होता है और ठंड लगती है जो पांच दिन तक रह सकता है.
– सिरदर्द, कमर और जोड़ों में दर्द के अलावा थकावट और कमजोरी महसूस होती है. हल्की खांसी और गले में ख़राश के साथ उल्टी भी होती हैं. शरीर पर लाल रंग के दाने भी दिखते हैं. पूरी तरह से ठीक होने में क़रीब दो हफ़्ते लग जाते हैं. यह बुख़ार बच्चों और बुज़ुर्गों में ज़्यादा ख़तरनाक हो जाता है.

उपचार

– चिकनगुनिया की तरह ही डेंगू के मरीज़ को भी पूरी तरह आराम करना चाहिए.
– उसे पानी, नारियल पानी व फलों का जूस बार-बार लेते रहना चाहिए.
– फौरन किसी डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
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