गर्भधारण कारक नुस्खें
अशवगंधा का चूर्ण 5-5ग्राम मासिक धर्म स्नान के बाद गाय के दूध से प्रतिदिन सेवन करने से , अवशय गर्भ ठहरता है ।
खरैटी (बला) मूल , कंघी मूल का चूर्ण , मुलहठी, मिश्री 1-1ग्राम शहद और घी विषम मात्रा में मिलाकर चाटें , आशा पूर्ण होगी ।
सफेद आक की जड़ का चूर्ण 1-1 ग्राम 1गिलास दूध से लेने से , बंद नलिया खुल जाती है , अत: गर्भधारण में मदद मिलती है ।
बरगद के फल + पीपल के फल 100-100ग्राम , मिश्री 200ग्राम मिलाकर रख लें , 1-1चम्मच सुबह दूध से लेने से बहुत लाभ होता है ।
नीलकमल और धातकी के फूल 50-50ग्राम लेकर चूर्ण बना लें , 3ग्राम चूर्ण मासिक धर्म चालू होने के दिन से 5दिन तक शहद से सुबह-शाम चाटें , अवशय लाभ होगा । बार-बार दोहरा सकते है ।
गोखरू बीज आधा-आधा तोला यानि 6-6ग्राम पानी से लेने से लाभ होता है ।
इन्द्रायण मूल + बेलपत्रों का चूर्ण 2-2ग्राम लेने से गर्भधारण में सहायता मिलती है ।
त्रिकुटा 30ग्राम + नागकेशर 10ग्राम का बनाया चूर्ण 2-2ग्राम घी से चाटकर ऊपर से दूध पीने से गर्भधारण में सहायता मिलती है।
मैनफल के सुखे बीज दो-तीन चुटकी की मात्रा में रूई के साथ बत्ती बनाकर रात को योनि मार्ग में प्रवेश करवाकर सुबह निकाल दें , इससे बच्चेदानी के विकार दूर होकर , आशा पूर्ण होगी।
शिवलिंगी बीज आधा-आधा चम्मच सुबह खाली पेट लेने से गर्भधारण की शक्ति बढ़ती है ।
पुत्रजीवक बीज चूर्ण + शिवलिंगी बीज चूर्ण , पीपल फल चूर्ण + बरगद की जटा का समभाग बना चूर्ण सेवन करने से गर्भधारण करने की ताकत आती है ।
सतावरी चूर्ण दूध के साथ लेने से मन की इच्छा पूरी होगी
अशवगंधा का चूर्ण 5-5ग्राम मासिक धर्म स्नान के बाद गाय के दूध से प्रतिदिन सेवन करने से , अवशय गर्भ ठहरता है ।
खरैटी (बला) मूल , कंघी मूल का चूर्ण , मुलहठी, मिश्री 1-1ग्राम शहद और घी विषम मात्रा में मिलाकर चाटें , आशा पूर्ण होगी ।
सफेद आक की जड़ का चूर्ण 1-1 ग्राम 1गिलास दूध से लेने से , बंद नलिया खुल जाती है , अत: गर्भधारण में मदद मिलती है ।
बरगद के फल + पीपल के फल 100-100ग्राम , मिश्री 200ग्राम मिलाकर रख लें , 1-1चम्मच सुबह दूध से लेने से बहुत लाभ होता है ।
नीलकमल और धातकी के फूल 50-50ग्राम लेकर चूर्ण बना लें , 3ग्राम चूर्ण मासिक धर्म चालू होने के दिन से 5दिन तक शहद से सुबह-शाम चाटें , अवशय लाभ होगा । बार-बार दोहरा सकते है ।
गोखरू बीज आधा-आधा तोला यानि 6-6ग्राम पानी से लेने से लाभ होता है ।
इन्द्रायण मूल + बेलपत्रों का चूर्ण 2-2ग्राम लेने से गर्भधारण में सहायता मिलती है ।
त्रिकुटा 30ग्राम + नागकेशर 10ग्राम का बनाया चूर्ण 2-2ग्राम घी से चाटकर ऊपर से दूध पीने से गर्भधारण में सहायता मिलती है।
मैनफल के सुखे बीज दो-तीन चुटकी की मात्रा में रूई के साथ बत्ती बनाकर रात को योनि मार्ग में प्रवेश करवाकर सुबह निकाल दें , इससे बच्चेदानी के विकार दूर होकर , आशा पूर्ण होगी।
शिवलिंगी बीज आधा-आधा चम्मच सुबह खाली पेट लेने से गर्भधारण की शक्ति बढ़ती है ।
पुत्रजीवक बीज चूर्ण + शिवलिंगी बीज चूर्ण , पीपल फल चूर्ण + बरगद की जटा का समभाग बना चूर्ण सेवन करने से गर्भधारण करने की ताकत आती है ।
सतावरी चूर्ण दूध के साथ लेने से मन की इच्छा पूरी होगी